हिंदी संपादकीय और विचार

आज के लिंक-

1. सूखा और जल संसाधन प्रबंध

लिंक- http://www.prabhatkhabar.com/news/columns/story/749414.html

(कामता प्रसाद ने अपनी पुस्तक ‘वॉटर इन दी कमिंग डिकेड्स, पॉलिसी एंड गवर्नेंस इशूज इन इंडिया’ में लिखा है कि पानी और गरीबी में सीधा रिश्ता है. देश में हर साल कहीं बाढ़, कहीं सूखा और कहीं-कहीं तो एक ही मौसम में बाढ़ और सूखा दोनों आते हैं. कैसा प्रबंध हो, क्या किया जाए इसकी जानकारी आप इस बारे में आप उपरोक्त लिंक पर पढ़ सकते हैं)

2. क्या जनमत संग्रह का प्रावधान होना चाहिए?

लिंक- http://www.deshbandhu.co.in/article/5815/10/330/%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE-%E0%A4%9C%E0%A4%A8%E0%A4%AE%E0%A4%A4-%E0%A4%B8%E0%A4%82%E0%A4%97%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%B9-%E0%A4%95%E0%A4%BE-%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%B5%E0%A4%A7%E0%A4%BE%E0%A4%A8-%E0%A4%B9%E0%A5%8B%E0%A4%A8%E0%A4%BE-%E0%A4%9A%E0%A4%BE%E0%A4%B9%E0%A4%BF%E0%A4%8F?#.VwX-MJx97IU

(नया चुनाव काफी खर्चीला होता है और काफी जटिल। कितनी बार नया मतदान हो? अगर जनमत संग्रह का प्रावधान होता तो इस खामी को दूर किया जा सकता था। जब जस्टिस हिदायतुल्ला उपराष्ट्रपति और राज्य सभा के सभापति थे तो उन्होंने शिकायत की थी कि संविधान में संशोधन पर लोगों का मत जानने की कोई व्यवस्था संविधान निर्माताओं ने नहीं की. और अधिक जानने के लिए उपरोक्त लिंक पर क्लिक कीजिये)

3. राष्ट्रीय जलविज्ञान परियोजना

लिंक- http://pib.nic.in/newsite/hindirelease.aspx

(प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रीमंडल ने आज राष्ट्रीय जलविज्ञान परियोजना को लागू करने की मंजूरी दे दी। यह केन्द्रीय परियोजना है और इसके लिए 3679.7674 करोड़ रुपए निर्धारित किए गए है। कइस विषय में और अधिक जानकारी 6 अप्रैल को प्रकाशित जल संसाधन मंत्रालय की विज्ञप्ति को देखा जा सकता है)

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