सामान्यतः हम हमेशा कहते हैं की ‘सप्लाई चैन’ में तमाम बिचौलियों की वजह से खाद्य वस्तुओं के दाम आसमान छुते हैं साथ ही इन्हीं दलालों अथवा बिचौलियों द्वारा किसानों का खून भी चूसा जाता है जो काफी हद तक सही भी है। ‘एकोनिमिक सर्वे 2015-16’ में भी इस समस्या से निजाद पाने की वकालत की गई है और निःसंदेह होनी भी चाहिए। लेकिन क्या इस सिक्के के दुसरे पहलू पर भी विचार किया जाना चाहिए? क्योंकि इन्हीं बिचौलियों की वजह से काफी रोजगार उत्पन्न होते होंगे या नहीं होते मुझे नहीं पता, अगर इन बिचौलियों को समाप्त भी कर दिया जाए तो एक भीषण बेरोजगारी का संकट मुझे नजर आता है !!! आप लोगों का क्या विचार है? क्या किसी के पास इससे संबंधित कोई आर्टिकल या केस स्टडी है ? अगर है तो कृपया शेयर करें ।
and english medium aspirants!, please share your views , हिंदी में पूछा इसका ये मतलब नहीं की आप लोगों से नहीं पूछा गया है । 🙂 बिचौलियों को हटाया जाना चाहिए या नहीं?